रविवार, मई 30, 2010

पशुधन को भीषण गर्मी से बचाव के लिए छाया,पानी एव चारे की समुचित व्यवस्था की जाये

नागौर, 30 मई। जिला कलक्टर डाॅ0 समित शर्मा ने निर्देश दिये हैं कि इन दिनों बढ़ रही भीषण गर्मी में जनधन के साथ-साथ पशुधन को भी बचाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। इसके तहत जिले में संचालित गौशालाओं, पशु शिविरों में अधिकाधिक मूक पशुओं का उचित संरक्षण एवं देख-भाल की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई जाये।जिला कलक्टर ने आज एक आदेश जारी कर पशुपालन विभाग के उप निदेशक, समस्त उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं विकास अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे पशुओं के लिए छायां, पानी, दवाईयां तथा चारे आदि के माकुल इन्तजाम सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को जिले में संचालित 14 पशु शिविरों तथा 371 पंजीकृत गौशालाओं में लाभान्वित किये जा रहे पशुओं तथा इनमें की गई व्यवस्थाओं सम्बन्धी तत्काल रिपोर्ट जिला प्रशासन को भिजवाने के निर्देश दिये।
1 जून-2010 को होगा अकाल राहत कार्य, गौशालाओं, पशु शिविर, चारा डिपों तथा जल वितरण व्यवस्था का सघन निरीक्षण
अकाल प्रबन्धन के तहत जिले में पशुधन के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई चारा डिपो, पशु शिविरों, अकाल राहत कार्यो, गौशालाओं तथा जल परिवहन व्यवस्थाओं का आगामी 1 जून-2010 को प्रातः 7 बजे से प्रातः 11 बजे तक सघन निरीक्षण करवाया जाएगा। किये गये निरीक्षण की रिपोर्ट इसी दिन सांय 4 बजे जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।
पशुओं एवं वन्य जीवों के लिए जल व्यवस्था के इन्तजाम किये जायें
अकाल प्रबन्धन के माध्यम से उप वन संरक्षक श्री करमाराम काला तथा उप निदेशक कृषि विस्तार श्री रामलाल पुरोहित को निर्देश दिये हैं कि जिले में गाय, हिरण, नील गायों के पीने के पानी की व्यवस्था के तहत खेलियों में टेन्करों के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति सुनिश्चित करवाई जाये तथा इस कार्य पर पूरी तरह से निगरानी भी रखी जाने की व्यवस्था करें
पशु चिकित्सा के समुचित प्रबन्ध किये जायें
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डाॅ0 तेजाराम को निर्देश दिये हैं कि जिले में संचालित पशु चिकित्सालयों एवं पशु उप केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। जिले में संचालित पशु शिविरों तथा गौशालाओं में रह रहे पशुओं की चिकित्सा के लिए सतत् रूपसे निरीक्षण किया जाये। जरूरत के अनुसार पशुओं का टीकाकरण भी करवाया जाये। उन्होंने पशुधन संरक्षण तथा अकाल प्रबन्धन के तहत किये जा रहे कार्यो की दैनिक प्रगति रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

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