बुधवार, अप्रैल 21, 2010

प्रधानमंत्री ने नागौर जिला कलक्टर को उत्कृष्ट प्रशासनिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया

नागौर 21 अप्रैल। प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहनसिंह ने नागरिक सेवा दिवस के अवसर पर बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नागौर जिला कलक्टर डाॅ. समित शर्मा को ‘‘उत्कृष्ट प्रशासनिक सेवाओं’’ के लिए ’’प्रधानमंत्री पुरस्कार’’ प्रदान कर सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने डाॅ. समित शर्मा को ‘‘पदक, स्क्रोल तथा एक लाख रूपये की नकद राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की।डाॅ. शर्मा को यह पुरस्कार सस्ती व उच्च गुणवत्ता वाली जैनरिक दवाईयां आमजन तक सुलभ कराने के लिए किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है। इस मौके पर डाॅ. समित शर्मा ने प्रधानमंत्री के समक्ष एक पाॅवर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया जिसमें उन्होनें आमजन तक कम कीमत व उच्च गुणवत्ता युक्त जैनरिक दवाईयां सहज सुलभ करवाने के क्षेत्र में किए गए प्रयासों पर रोशनी डाली। उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2004 बैच के अधिकारी डाॅ. शर्मा ने प्रदेश में जैनरिक दवाईयों का सफर प्रदेश में झालावाड़ में सहायक कलक्टर पद पर रहते हुए शुरू किया। उन्होनें जोधपुर में उपखण्ड मजिस्ट्रेट व अलवर, चित्तौड़गढ़ तथा नागौर में जिला कलक्टर के पद पर रहते हुए अब तक कुल 105 दवा स्टोर्स के माध्यम से आमजन को सस्ती जैनरिक दवाईयां उपलब्ध करवाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है जिसके कारण हजारों गरीब व्यक्तियों की जानें बच पाई है।डाॅ. शर्मा ने बताया कि अत्यंत गरीब होने से कई लोग अपने मकान, दुकान, पशुधन, गहने आदि गिरवी रखकर भी समुचित ईलाज नहीं करवा पाते हैं और दवाओं के अभाव में काल ग्रसित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कम कीमत पर उपलब्ध जैनरिक दवाओं का प्रचलन बढ़ने से अब गरीब लोग अपने परिजनों का ईलाज करवा पा रहे हैं जिससे हजारों गरीब व्यक्तियों की जानें बच रही है। डाॅ. शर्मा द्वारा नागौर जिले में मात्र 6 माह की अल्पावधि में 8 नए जैनरिक दवा स्टोर खुलवाकर तथा वर्तमान में कुल 15 संचालित जैनरिक दवा स्टोर्स के माध्यम से 77 लाख रूपये की जैनरिक दवाइयां विक्रय कर 3 लाख 15 हजार से अधिक रोगियों को अनुमानित 3.31 करोड़ रूपये की उल्लेखनीय बचत करवाई। इसी प्रकार चित्तौड़गढ़ में भी 17 माह की अवधि में जैनरिक दवाईयां खरीदने से 11.56 करोड़ रूपये कीराशि की बचत हुई।

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