शनिवार, अप्रैल 17, 2010

सहकारी समितियां व्यवस्थापकों का आंदोलन

नागौर 12 अप्रैल। जिला कलक्टर कार्यालय के सामने आज लम्बा तम्बू लगाकर सहकारी समितियां व्यवस्थापकों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया। उन्होनें लम्बी चैड़ी भाषणबाजी के बाद सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव को एक ज्ञापन लिखा। जिसमें 5 सूत्री मांगों का उल्लेख किया है। जिला कलक्टर नागौर के मार्फत भेजे गए ज्ञापन में राज्य की पेक्स लेम्पस के व्यवस्थापकों, सहायक व्यवस्थापकों की समस्याओं के निराकरण की मांग की है। उन्होनें कहा है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियां, राज्य के सहकारी आंदोलन एवं ग्रामीण क्षेत्र की महत्वपूर्ण कड़ी है। इनमें होने वाले सभी महत्वपूर्ण कार्यों को वे ही अंजाम देते हैं। सरकार ने उनके साथ 21 नवम्बर 1984 तथा 23 जून 1987 को समझौते किए थे जो औद्योगिक विवाद अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत है उसको लागू किया जावे। उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण राज्यभर के व्यवस्थापकों में असंतोष व्याप्त है। 15 फरवरी 2010 को वेतनमान संशोधन एवं वेतन स्थिरीकरण का जो परिपत्र जारी किया गया है। उसमें भी त्रुटियां एवं विसंगतियां हैं। जिला कलक्टर कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में व्यवस्थापकों का आंदोलन दिनभर चलने के कारण बड़ी संख्या में ही पुलिस तैनात रही। व्यवस्थापक भाषणबाजी करते रहे।

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