मंगलवार, अप्रैल 13, 2010

झंडे की रस्म के साथ उर्स शुरू

नागौर । सुफी संत हमीदुद्दीन नागौरी के ७५८ वें उर्स में मंगलवार को झण्डे की रस्म अदा होने के साथ ही उर्स शुरू हो गया। मंगलवार शाम ४ बजे अकीदत के साथ दरगाह के शाही बुलन्द दरवाजे पर झण्डे की रस्म लौहारपुरा निवासी हाजी जफर हुसैन मुल्तानी पोलवालों की ओर से व पीर सुफी अब्दूल बाकी सज्जादानशीन मोहम्मद इकबाल चैहान, जाकीर हुसैन, मकबूल अहमद अंसारी, शकील अहमद अंसारी, भंवरू खां, नसरूद्दीन पहलवन शहित अनेक मौजीज लोगों की मौजूदगी में रस्म अदा हुई। इस दौरान कलन्दरों ने अपने हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन किया। वहीं इस रस्म के बाद दरगाह में आस्ताने शरीफ पर फातेहा ख्वानी सज्जादानशीन द्वारा दी गई। लंगर खाना की व्यवस्था इकबाल चैहान, मोहम्मद फारूख अन्सारी, गुलाम हुसैन चढवा व सलीम घोसी ने संभाली व सुबह शाम दोनों वक्त जायरीनों को लंगर तकसीम किया जा रहा है। दरगाह के सदर पीर गुलाम शब्बर सुलेमानी ने बताया कि सभी जायरीनों व दुकानदारों को सभी तरह की सुविधाएं देने की पूरी तैयारियां की गई है। पिछले सोलह सालों से दरगाह पर उर्स का आगाज लौहारपुरा निवासी हाजी जफर हुसैन पोलवालों द्वारा झण्डे की रस्म के साथ होता है। जिफर हुसैन ने बताया कि वह अपनी आस्था के अनुसार इस रस्म को अदा करते है और उर्स शुरू होने के करीब एक महीने पहले ही उनके घर में इस झण्डे की रस्म को लेकर तैयारियां शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि पूर्व में यह रस्म पाली निवासी फैयाज साहब की ओर से अदा की जाती थी लेकिन उम्रदराज हो गए हैं। करीब ढाई बाई डेढ मीटर का झण्डा तैयार किया जाता है जो रस्मो रिवाज के साथ शाही बुलन्द दरवाजे पर चढाया जाता है।
तड़के होगी गुस्ल की रस्म अदा-
दरगाह के प्रवक्ता मकबुल अहमद अंसारी ने बताया कि बुधवार तड़के चार बजे दरगाह में मजारे शरीफ पर गुस्ल की रस्म अदा की जाएगी। जिसमें विभिन्न स्थानों से आए जायरीन इसमें शरीक होगे। अंसारी ने बताया कि मंगलवार शाम को इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई।

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