सोमवार, अप्रैल 19, 2010

ट्रैफिक पुलिस से उलझना पड़ सकता है महंगा

(रामसिंह मैढ़)
नागौर 19 अप्रैल। यातायात नियमांे की अनदेखी के परिणाम दुर्घटनाओं को जन्म दिया है। लेकिन इन दुर्घटनाओं के जिम्मेदार वाहन चालक ही नहीं कमोबेश यातायात पुलिसकर्मियों की कत्र्तव्यनिष्ठा भी रहती है। यातायात पुलिसकर्मियों की कत्र्तव्यनिष्ठा का जीता जागता प्रमाण देती है। हृदयस्थल गांध्ी चैक में बेतरीके से खड़े वाहन, माया ज्वैलर्स चैक में भारी वाहनों का जमावड़ा, इसके अतिरिक्त पुलिसकर्मियों द्वारा ड्यूटी के समय चाय की चुस्कियां लेना, मटकियां बेचने वालियों से गपशप करना, महिलापुलिसकर्मी अपने परिजनों के साथ पाॅईन्ट को छोड़कर बाजार में खरीददारी करने चले जाना, चाय की थड़ियों पर आराम करना, ये सभी कारण दुर्घटनाओं के अप्रत्यक्ष प्रभाव रहते हैं। इधर वाहन चालकों की अब खैर नहीं क्योंकि इस समस्या से निपटने और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस खुद नए उपकरणों से लैस होने जा रही है। विभाग जल्दी ही इलेक्ट्रोनिक तरीके से चालान काटने वाले 2000 उपकरण खरीदने जा रहा है। इस उपकरण की खासियत इसकी याददाश्त होगी जो मोटरवाहन कानून में वर्णित यातायात नियमों के उल्लंघन के 412 प्रकारों को याद रखेगा। कई बार ट्रैफिक नियमों की सम्पूर्ण जानकारी नहीं होने के कारण पुलिस असहाय हो जाती है। वरिष्ठ अधिकारियों से मशविरा करने के बाद वाहन चालक को संतुष्ट करती है। अधिकारी व कर्मचारी को नियमों की किताबें देखनी पड़ती है। इससे समय व श्रम दोनों खराब होते हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इलेक्ट्रोनिक तरीके से चालान काटने वाली इस मशीन से मानवीय श्रम, समय व कागजी कार्यवाही में बचत होगी। जरूरत पड़ने पर वाहन चालक द्वारा तोड़े गए यातायात नियमों के पुराने मामलों का भी पता लगाया जा सकेगा।

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