मंगलवार, सितंबर 01, 2009

निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए डी.आर.आई. के तहत 4 प्रतिशत वार्षिक रियायती ब्याज दर पर ऋण

नागौर, 31 अगस्त। जिला कलक्टर श्री रोहित कुमार ने बताया कि निम्न आय वर्ग के लोग जिन्हें आर्थिक सहायता की आवष्यकता है, उन्हें विभेदक ब्याज दर (डी0आर0आई0) योजना के तहत चार प्रतिषत वार्षिक विषेष रियायती ब्याज दर पर बैकों द्वारा ऋण दिया जाता है। जिला कलक्टर ने बताया कि ऋण प्राप्त करने वाले शहरी एवं अर्द्ध शहरी क्षेत्रों के परिवार की वार्षिक आय 24000 रूपये तथा ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों की वार्षिक आय 18000 रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। ऋण प्राप्त कर्ता भूमिहीन हो अथवा एक एकड़ कृषि योग्य या ढाई एकड़ से अधिक असिंचित भूमि नहीं हो। मानदण्ड पूरे करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को उनकी जोत पर विचार किये बिना भी ऋण दिया जा सकता है। इस योजना के तहत उपकरणों एवं यंत्रों के अधिग्रहण और कार्यषील पूंजी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को गृह निर्माण तथा शारीरिक रूपसे निःषक्त को कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, पहिया कुर्सी इत्यादि खरीदने के लिए बैंक वित्त दिया जाता है। इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति अधिकतम 15000 रू0 जिसमें मियादी ऋण तथा कार्यषील पूंजी दोनों शामिल हैं। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सदस्य को गृह निर्माण के लिए प्रति व्यक्ति अधिकतम 20000 रूपये ऋण, शारीरिक रूपसे निःषक्त व्यक्तियों को उपकरणों हेतु अधिकतम 5000 रूपये तक की राषि का ऋण प्रदान किया जा सकता है। यह सहायता डी0आर0आई0 योजना के तहत 15000 रूपये ऋण सीमा से अलग है। इस योजना के तहत कोई मार्जिन मनी की आवष्यकता नहीं है। ऋण पर 4 प्रतिषत वार्षिक ब्याज लिया जाता है तथा ऋण 60 मासिक किस्तों में वापिस किया जाता है।

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