सोमवार, जून 15, 2009
हिरण शिकार प्रकरण की जांच बदली
नागौर 14 जून। गत 8 जून को रात्रि के समय ग्राम भेड़ की सीमा में चिंकारा हिरण का शिकार प्रकरण उलझता जा रहा है। एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई नहीं की है। शिकार की घटना के समय लगभग 50 लोगों ने शिकारियों का पीछा किया था। रात्रि के समय अंधेरे का फायदा उठाकर शिकारियों ने चार हिरणों को गोली से भून दिया था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस थाना पांचैड़ी तथा पुलिस थाना खींवसर की टीमें मौके पर पंहुची थी। खींवसर थाना क्षेत्र में हुए हिरण शिकार से मृत हिरण पांचैड़ी थाना क्षेत्र में पड़ा मिला था। जिसके कारण पांचैड़ी थाने पर मुकदमा नं. 35/09 दर्ज हुआ था। ग्रामीणों ने दो ढ़ाई घण्टे तक जीप का पीछा किया। जीप में सवार 4 शिकारी बंदूक, चाकू, आदि हथियारों से लैस थे। विरोध करने वाले ग्रामीणों को जान से मारने की नीयत से शिकारियों ने गोलियां चलाई थी। ग्रामीण जीप को पकड़ नहीं पाए। मगर जीप नं. आरजे 21 यू 1762 लिख लिए थे। जिसके आधार पर 9 जून को पांचैड़ी पुलिस ने जीप का पता लगाकर थाने पर खड़ी करवाली थी। आश्चर्य की बात है कि 7 दिन बीत जाने के बाद भी उक्त जीप को अभी तक कागजों में बरामद नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर बिश्नोई समाज में रोष बढ़ता जा रहा है। पुलिस का विरोध करने के लिए 13 जून को ग्राम भेड़ में समाज की एक बैठक रखी गई थी। जिसमें अखिल भारतीयजीवरक्षा बिश्नोई सभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ृक्ष मित्र साहबराम बिश्नोई, जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई, तहसील अध्यक्ष रामलाल लेगा तथा अन्य कार्यकत्र्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। बैठक में निर्णय के बाद सभा ने एक ज्ञापन देकर जांच बदलने की मांग की। कार्यवाहक जिला पुलिस अधीक्षक दिलीप जाखड़ ने एक आदेश जारी कर शिकार प्रकरण की जांच थानाधिकारी भावण्डा को सौंपी है। ग्रामीणों ने जीप में सवार मुलजिम चूनाराम मेघवाल निवासी बैराथल को नामजद करवाया था। मगर पांचैड़ी थानाधिकारी की हठधर्मिता के कारण चूनाराम को मुलजिम नहीं बनाया गया है। इस बात को लेकर बिश्नोई समाज में रोष है। जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शिकार प्रकरण की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो समाज आंदोलन करेगा। उक्त जानकारी अखिल भारतीय जीवरक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
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