शनिवार, मार्च 28, 2009

नागौर के बिजली बिलों में 27 लाख का गबन

सहकारी समिति के नाम से कारनामा
उपभोक्ता बेबस , देरी से खुली निगम की नींद, 27 लाख नगद लेकर ठेकेदार चम्पत ,
निगम सोच रहा है मुकदमा दर्ज कराने की बात,
नागौर। 28 मार्च। विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अजमेर के वृत नागौर में बिजली के बिल जमा कराने का ठेका एक सहकारी समिति के नाम से जारी किया गया। ठेके का काम देखने वाले ठेकेदार तथा उसके कर्मचारियों ने बिल जमा करने में कारस्तानी कब शुरू की इसका खुलासा निगम ही कर सकता है। मगर लंबे समय तक उपभोक्ताओं के साथ धोखा करने वाले उक्त ठेकेदार ने बिजली बिलों की नगद राशि 27 लाख रूपए उपभोक्ताओं से ले लिए मगर निगम के कार्यालय में जमा नहीं कराए। जमा करवाई गई राशि दो माह बाद आने वाले बिलों में जुड़कर आने लगी। तब उपभोक्ता अधिकारियों के पास पहुंचे। अधिकारियों ने गहनता से जांच करने पर पाया कि ठेकेदार ने उपभोक्ताओं की राशि ले ली है मगर निगम में जमा नहीं करवाई है। इस बात का राज खोलने से पहले निगम के उच्चाधिकारियों तक सभी ने राशि वसूलने का असफल प्रयास किया। ठेकेदार पूरी राशि लेकर भूमिगत हो गया है। तंग आकर निगम के अधिकारियों ने उक्त ठेकेदार तथा सहकारी समिति के विरूद्ध 27 लाख रूपये की राशि गबन का मामला पुलिस में दर्ज कराने का निर्णय लिया है। उपभोक्ताओं के साथ ऐसी हरकत होने से ई मित्र केन्द्रो तथा ठेकेदारों के माध्यम से बिलों की राशि जमा कराने से लोग डरने लगे है। लम्बे समय से चल रहा राशि गबन का यह खेल मीडियाकर्मी भी नहीं खोल पाए। बिजली, पानी और टेलिफोन के बिल बिना कोई परेशानी के जमा करवाए जा सके, इसके लिए अपनाया गया तरीका इस गबन से घातक सिद्ध हो गया है।

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