रविवार, जून 13, 2010
गरीब लोगों के आशियाने तोड़ने पर धरने की चेतावनी
नागौर। सैनिक क्षत्रिय माली समाज शहर न्यात नागौर के अध्यक्ष रूपसिंह पंवार ने प्रेस विज्ञिप्ति जारी कर बताया कि आज दिनांक 13 जून 2010 को माली समाज के भाटियों के शमशान में अतिक्रमण के नाम पर गरीब लोगों के आशियाने तोड़े गए। सभी लोगों ने मिलकर प्रस्ताव जिला प्रशासन के सामने रखने की रणनीति बनाई। जिसमें प्रमुख रूप से 1991 से पहले रह रहे मकान राज्य सरकार ने नियमन के काबिल माना है। इसलिए सबको नियमन किया जाए एवं अप्रैल 2004 में जिनका सर्वे में मकान का रिकार्ड दर्ज है उनके पट्टे जारी किए जाऐं। तोड़े गए सभी मकान बीपीएल धारको के हैं। इस जगह के अलावा इनके पास कोई जगह उपलब्ध नहीं है और ये सभी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इस कारण इनके पास खाने पीने एवं रहने का 4 दिनों से कोई साधन नहीं है। जिस कारण ये खुले में धूप एवं बारिश में अपने परिवार एवं छोटे बच्चे, महिलाओं सहित भूखे मरने को मजबूर हैं। इसलिए इनको तोड़े गए मकानों का उचित्त मुआवजा दिया जाए नहीं तो 50 से 60 परिवारों के पास भूख से मरने एवं आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। तोड़े गए मकान में रहने वाले परिवारों की कम से कम से 20 महिलाएं एवं 5-6 बच्चे भूख एवं गर्मी के कारण गम्भीर रूप से बीमार हैं एवं दो-तीन महिलाओं ने आज जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास भी किया एवं 2 लड़कों ने प्रतापसागर की कुई में कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास भी किया। लेकिन शहरवासियों की तत्परता के कारण उनको सकुशल बचा लिया गया। अगर दो दिनों में जिला प्रशासन द्वारा उचित समाधान नहीं निकाला तो हमें मजबूर होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा एवं इस दौरान अगर किसी पीड़ित ने भूख एवं मकान टूटने के सदमे से आत्महत्या की तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी एवं किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
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आपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।
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