दलाली पर अंकुश लगाने का प्रयास
नागौर 12 अप्रैल। स्थानीय बीकानेर रोड़ पर न्यू रीको औद्योगिक क्षेत्र के आगे हाईवे पर स्थित जिला परिवहन कार्यालय के आसपास यातायात कर सलाहकार नाम से छप्परे बनाकर ढ़ाबे लगाकर बैठने वाले सैंकड़ों दलालों में उस समय खलबली मच गई। जब जिला कलक्टर डाॅ. समित शर्मा ने परिवहन विभाग में होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कार्यालय के आसपास से दलालों को हटाने के निर्देश दिए। गत शुक्रवार को हुए निर्देशों के बाद तुरंत फुरंत में रीको क्षेत्र के प्रवेश से पहले खाली पड़ी जमीन रामनगर तथा उसके सामने की जमीन पर रातोंरात जेसीबी चलाकर मैदान समतल किया गया। सफाई की गई। शनिवार तथा रविवार को दो दिनों में अवकाश के दौरान जिला परिवहन कार्यालय तथा रीको क्षेत्र के आसपास का दृश्य देखने लायक रहा। जेसीबी मशीनों द्वारा जिला परिवहन कार्यालय के सामने से फोटोस्टेट, लेमिनेशन मशीन की दुकानें, दलालों के ढ़ाबे, यातायात सलाहकारों के अवैध कार्यालय उठाकर करीब 200 मीटर शहर की तरफ लाए गए। आनन फानन में ही पट्टियां खड़ी करके पुराने छप्पर, पुराने टीन उन पर लगाकर छाया का इंतजाम किया गया। आज सोमवार को सुबह सभी यातायात कर सलाहकारों एवं दलालों ने अपने अपने कार्यालय रीको मोड़ के पास हाईवे के दोनों तरफ जमाकर चालू कर दिए। आज उक्त स्थान पर जीप, कार, टैक्सी, तिपहिया वाहन और वाहन मालिकों की जोरदार भीड़ देखी गई। चंद दिनों पूर्व ही उक्त मोड़ पर स्थापित धर्मकाण्टे के चारो तरफ जोरदार चहल पहल शुरू हुई है। हाईवे से गुजरने वाले हर आदमी के दिमाग में एक ही प्रश्न खड़ा होता है कि जिला परिवहन कार्यालय के आसपास स्थापित अस्थायी दुकानें शहर की तरफ कैेसे आ गई? उल्लेखनीय है कि उक्त कार्यालय जब डीडवाना रोड़ पर था तब भी कार्यालय के आगे ऐसे अनेक दलाल बैठने लग गए थे जो वाहनों से सम्बन्धित तथा वाहन चालकों के लाईसेंस से सम्बन्धित कागजों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए अपनी फीस लेते हैं। जिस में से कुछ निर्धारित हिस्सा जिला परिवहन कार्यालय में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को भी देते हैं। इसी परम्परा के चलते गत 20 वर्षों से जिला परिवहन अधिकारी का कार्यालय जहां भी स्थानांतरित होता है उसके साथ यातायात सलाहकारों की अस्थायी दुकानें रोड़ पर अवैध ढ़ग से लगाई जाती रही है। जिला कलक्टर डाॅ. समित शर्मा ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाकर उक्त कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का सराहनीय प्रयास किया है। जिसकी शहर तथा वाहन चालकों में आम चर्चा है। उक्त दलाल मनमानी फीस लेकर कार्यालय से सम्बन्धित कार्य करवाते हैं। अगर कोई वाहन चालक या वाहनमालिक कार्यालय से सीधा सम्पर्क करता है तो कार्यालय में तैनात कर्मचारी भी उनको सही जानकारी नहीं देते हैं। उनका काम सीधा होना असंभव बताकर वापस दलालों के पास भेज देते हैं ताकि उनका भी निर्धारित हिस्सा आता रहे। इस परम्परा के चलते ड्राईविंग लाईसेंस बनाने, हैवी लाईसेंस बनाने , वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाने, वाहनों का टैक्स जमा करवाने तथा बिना नम्बर के बाहर से आए वाहनों के अवैध रूप से नए नम्बर आंवटित करवाने के काम भी दलालों द्वारा आसानी से करवाए जाते रहे हैं। उक्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयास में जिला परिवहन कार्यालय के आसपास की सरकारी भूमि आज खाली नजर आने लगी है। हालांकि इस हरकत से दलालों तथा कर्मचारियों व अधिकारियों की अवैध कमाई पर असर पड़ेगा। मगर आम लोगों का भला होगा। भ्रष्टाचार कम होगा। ऐसी आम चर्चा है। चर्चा मंे लोग इस कार्य के लिए जिला कलक्टर की प्रशंसा करते सुने गये।
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