सोमवार, अप्रैल 12, 2010

20 वर्षों से जमे नर्सिंगकर्मियों को हटाने की मांग

नागौर 12 अप्रैल। राजस्थान प्रदेश जीप/कार टैक्सी एकता यूनियन नागौर के अध्यक्ष जिला कलक्टर को पत्र लिखकर राजकीय चिकित्सालय नागौर में लम्बे समय से जमे हुए कुछ नर्सिंगकर्मियों को हटाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि उक्त अस्पताल में 15-20 वर्षों से जमे हुए कई नर्सिंग कर्मचारी मरीजों के उपचार की तरफ कोई ध्यान नहीं देते हैं। लम्बे समय से यहीं रहने का रूतबा जमाते हुए हर वक्त राजनीति करते रहते हैं। इसके साथ ही उन्होनें अपनी दुकानें जमा रखी है। सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को नीजि अस्पतालों में भेजने के लिए यह अपनी सेवाएं देते हैं। यूनियन अध्यक्ष सहदेवसिंह ने आरोप लगाया है कि जैसे ही कोई मरीज सरकारी अस्पताल में पंहुचता है, नीजि अस्पतालों के ये दलाल अपने कमीशन के चक्कर में मरीजों को भड़काकर कहते हैं कि सरकारी अस्पताल की सोनोग्राफी, एक्सरे मशीन तथा खून जांच की मशीनें खराब है या मशीनें नहीं है। उन्होनें पत्र में गुलाबचंद सोनी, अशोक डूकिया तथा कैलाशचंद मीणा सहित अन्य कई कर्मचारी इसमें शामिल बताए हैं। पत्र में यह भी कहा है कि टैक्सी स्टैण्ड को लेकर भी उक्त नर्सिंगकर्मी राजनीति कर रहे हैं। जिससे जीप कार टैक्सी चालकों तथा आम जनता को असुविधा हो रही है। अगर उक्त कर्मचारियों के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की गई तो उनकी यूनियन आंदोलन करने का निर्णय लेगी। यूनियन अध्यक्ष ने उक्त पत्र की प्रति राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ए.ए. खान तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी भेजी है। नागौर के सी.एम.एच.ओ. को भी इसकी प्रति भेजकर उक्त नर्सिंग कर्मियों के स्थानांतरण करने की मांग की है।

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