शुक्रवार, अक्टूबर 02, 2009

महात्मा गांधी की पूर्ण स्वराज की कल्पना को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की मजबूती आवश्यक -यूपीए अध्यक्ष

जयपुर, 2 अक्टूबर। यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ÓÓपूर्ण स्वराजÓÓ की कल्पना को साकार करने के लिए देश की पंचायती राज व्यवस्था को और मजबूत बनाकर सभी अधिकार देने होंगे। उन्होंने कहा कि सही मायने में लोकतंत्र तभी सफल माना जाएगा, जब पंचायती राज संस्थाओं के हाथों में वास्तविक सत्ता होगी। श्रीमती गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पंचयती राज की स्वर्ण जयंती के अवसर पर शुक्रवार को नागौर जिला मुख्यालय पर आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रही थीं। श्रीमती सोनिया गांधी ने दीप प्रज्जवलित कर पंचायती राज के स्वर्ण जयन्ती समारोह का शुभारम्भ किया।उल्लेखनीय है कि 2 अक्टूबर, 1959 को प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने नागौर में ही दीप प्रज्जवलित कर देश में पंचायती राज व्यवस्था की नींव रखी थी।श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने प्रजातंत्र के मूल आधार ÓÓपंचायती राजÓÓ को सुदृढ़ करने का बीड़ा उठाया और पंचायती राज संस्थाएं जो कमजोर होने लग गई थी, को कानूनी दर्जा देने की शुरुआत की। इसके पश्चात इन संस्थाओं के नियमित चुनाव होने लगे और आज देश में 12 लाख से अधिक बहिनें इन संस्थाओं के माध्यम से अपनी आवाज बुलन्द कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार आम आदमी की बहबूदी व उसके उत्थान के लिए उन्हें पूरे अधिकार और सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। यूपीए अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में पिछले 9 माह से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने आम आदमी के विकास के लिए तेजी से कदम बढ़ाये हैं और अल्प समय में ही इनके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। अनेक ऐसे कार्यक्रम एवं योजनाएं प्रारम्भ की है, जो सभी के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि बी.पी.एल. जीवन रक्षा कोष की स्थापना कर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने गरीबों को चिकित्सा राहत देने का बहुत बड़ा कदम उठाया है, जिसमें गम्भीर रोगों से ग्रसित गरीबों के इलाज का सम्पूर्ण खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन कर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की नीतियों के प्रति जनता ने विश्वास व्यक्त किया है और वे दुबारा मुख्यमंत्री के रूप में आप लोगों की सेवा कर रहे हैं। ÓÓहरित राजस्थानÓÓ अभियान इस मरू प्रदेश के भविष्य को संवारने में सफल सिद्घ होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। श्रीमती गांधी ने कहा कि कमजोर मानसून के कारण पूरे देश को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसका मुकाबला मिलजुल कर ही किया जा सकता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत राज्य की बिजली-पानी की समस्या के निराकरण व आम आदमी के उत्थान के लिए और ठोस कदम उठायेंगे। उन्होंने कहा कि हर बड़ा कार्य संकल्प से ही शुरू होता है और उसे मिलजुल कर पूरा किया जा सकता है। ÓÓनरेगाÓÓ ऐसा ही एक संकल्प है। श्रीमती गांधी ने बापू के सन्देश ÓÓसामाजिक एकता व शांतिÓÓ से ही देश तरक्की कर आगे बढ़ सकता है को पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने राजस्थान के नागरिकों को दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं। श्रीमती गांधी ने इस अवसर पर देश की प्रथम जिला प्रमुख कोटा की नगेन्द्रा बाला, राजस्थान के प्रथम जिला प्रमुख जैसलमेर के श्री हुकमसिंह तथा चूरू के श्री रावत राम आर्य का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी ने कहा कि 50 साल के समय में पंचायती राज व्यवस्था ने अनेक उतार चढ़ाव देखे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन कर पंचायती राज संस्थाओं को सत्ता सौंपने की शुरुआत की तभी से सत्ता का हस्तान्तरण व विकेन्द्रीकरण हुआ और प्रजातंत्र के मजबूत कदम आगे बढऩे लगे। उन्होंने ÓÓमजबूत भारत व खुशहाल गांवÓÓ की कल्पना को साकार करने का आह्वान किया। डॉ. जोशी ने इस अवसर पर घोषणा की कि जयपुर में 50 करोड़ रुपये की लागत से पंचायती राज शोध संस्थान स्थापित किया जाएगा और राजस्थान देश में पहला ऐसा प्रान्त होगा जहां नरेगा का भुगतान सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री गहलोत बिजली-पानी की कमी के बावजूद राज्य में योजनाबद्घ तरीके से कार्य कर रहे हैं, जिससे जनता उनके प्रति पूरी तरह से समर्पित है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 2 अक्टूबर 1959 को प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा देश में पंचायती राज की शुरुआत के ऐतिहासिक लम्हों का स्मरण करते हुए कहा कि 50 साल के बाद उसी धरती पर आयोजित समारोह में यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की उपस्थिति राज्य के लिए गर्व, गौरव और गरिमा का विषय है। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से श्रीमती गांधी का स्वागत करते हुए कहा कि नागौर की ऐतिहासिक धरती पर दीप प्रज्वलित कर उन्होंने एक नई ज्योति जगाई है। श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले समय में प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण कर आम जन के जीवन में खुशहाली और नई उमंगों का संचार और हर चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए कृत संकल्प है। श्री गहलोत ने कहा कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों की कायापलट करने की दिशा में यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की पहल पर आरम्भ की गई राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना गांव वालों के लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने नई दिल्ली में नागौर के इस समारोह से पूर्व आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा नरेगा योजना का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर करने को देश में ग्राम स्वराज्य की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि यह गांधी जी के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यूपीए अध्यक्ष के प्रयासों और दृढ़ इच्छाशक्ति से ही महात्मा गांधी के जन्म दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित करने, दांडी मार्च और गुजरात में शताब्दी वर्ष मनाने जैसे कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी के जन्मदिन को पूरी दुनिया में मनाया जाना हम सबके लिए गर्व की बात है। प्रदेश में अकाल और सूखे की स्थिति का जिक्र करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र के साथ मिलकर हर स्थिति से मुकाबला कर जनता को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्घ है। उन्होंने प्रदेश की जनता के साथ श्रीमती गांधी के जुड़ाव को रेखांकित करते हुए कहा कि वे राज्य की जनता के सुख दु:ख में सदैव भागीदार रही हैं और पूर्व में भी प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करने के लिए उनके मार्गदर्शन में लोगों को अनाज उपलब्ध कराने, पीने का पानी पहुंचाने और पशुओं के लिए चारे का प्रबंधन करने के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इससे पहले यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने राजकीय बलदेवराम मिर्धा महाविद्यालय के प्रांगण में पहुंचने के बाद पंचायती राज की स्वर्ण जयन्ती के उपलक्ष में लगाई गई प्रदर्शनी का फीता काट कर शुभारम्भ किया। श्रीमती गांधी को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पंचायती राज के 50 सालों की विकास यात्रा के बारे में प्रदर्शित चित्रों एवं उनसे सम्बन्धित जानकारी से अवगत कराया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रामनिवास मिर्धा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश में समयबद्घ कार्यक्रम चलाकर इन संस्थाओं को संवैधानिक अधिकार सौंपने होंगे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री मणिशंकर अय्यर ने जन सभा में कहा कि पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज की अलख जगाई थी, उनके इस महत्वपूर्ण कार्य को हमें पूरा करना है। केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री श्री सचिन पायलट ने इस मौके पर राजस्थान की जनता को बधाई देते हुए कहा कि जब 2 अक्टूबर 1959 को नागौर में पंचायती राज की स्थापना पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, तब पूरी दुनिया को यह आशंका थी कि भारत में क्या प्रजातंत्र की जड़े मजबूत होंगी। परन्तु इस देश की आवाम ने प्रजातंत्र की जड़े मजबूत करते हुए पंचायती राज को गांव-गांव तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के 26 जिले सूखे की चपेट में है। ऐसे में सरकार और समाज मिलकर ही इस विभीषिका का मुकाबला कर सकते हैं। केन्द्रीय भू-तल परिवहन राज्य मंत्री श्री महादेव सिंह खण्डेला ने पंचायती राज को राजस्थान के विकास का मुख्य आधार बताते हुए स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर सभी को बधाई दी। राजस्थान के पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री श्री भरतसिंह, चिकित्सा मंत्री श्री एमामुद्दीन अहमद खान, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री श्री बाबूलाल नागर, केन्द्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास, राज्य सभा सदस्य डॉ. प्रभा ठाकुर, सांसद श्री बद्रीराम जाखड़, हरीश चौधरी, लालचन्द कटारिया, विधायक सर्व श्री महेन्द्र चौधरी, रूपाराम डूडी, जाकिर हुसैन गैसावत, श्रीमती मंजू मेघवाल, पूर्व विधायक श्री रिछपाल मिर्धा तथा श्री बी. के. हरिप्रसाद ने भी जनसभा को सम्बोधित किया। समारोह में राजस्थान के सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री श्री अशोक बैरवा सहित राज्य मंत्री मण्डल के विभिन्न सदस्य, सांसद श्री महेश जोशी, श्री गोपालसिंह ईड़वा सहित अनेक जन प्रतिनिधि व पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे। नागौर की सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने पंचायती राज के इस स्वर्ण जयन्ती कार्यक्रम में पूरे राज्य से आये नागरिकों तथा श्रीमती सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत सहित सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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