मंगलवार, सितंबर 01, 2009

श्रीबालाजी में वन महोत्सव मनाया

नागौर 31 अगस्त। निकटवर्ती ग्राम श्रीबालाजी में सीगड़ बास स्थित वीर हनुमान मंदिर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर नीम के
पौधे लगाकर उप वन संरक्षक के.आर. काला ने वन महोत्सव की शुरुआत की।
अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई, जिला महासचिव महावीर बिश्नोई, सरस्वती बाल मंदिर विद्यालय के निदेशक रामधन माल, रवि सोढ़ा, भागीरथ, ओमप्रकाश, सत्यनारायण सोढ़ा, ग्रामीण शिवनारायण सीगड़, हरचंदराम सीगड़ वन विभाग के दीपाराम जांगू, सुखराम आदि ने एक एक पौधे लगाए।
बिश्नोई सेवक संगीत प्रशिक्षण संस्थान के बच्चों को वृक्ष लगाने का प्रशिक्षण के. आर. काला ने दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाये गये पौधों की देखरेख करने का जिम्मा उक्त संस्थान के विद्यार्थियों को सौंपा गया।
इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों ने पेड़ों तथा पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने हरित राजस्थान के तहत अधिक से अधिक पौधे लगाने की प्रेरणा दी।
के.आर. काला ने कहा कि वृक्ष प्राणवायु देते हैं। छाया देते हैं। मनुष्य जीवन को व्यवस्थित जीने की शिक्षा भी पेड़ों से मिलती है। पेड़ जहरीली गैसों का अवशोषण करके आॅक्सीजन का विसर्जन करते हैं।
उन्होनें राज्य सरकार द्वारा चलाये गये हरित राजस्थान के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। नागौर जिले में सघन वृक्षों का अभाव होने पर चिंता जताई और अधिक से अधिक वृक्षारोपण की महत्ती आवश्यकता प्रतिपादित की।
अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने प्रकृति संतुलन के लिए पेड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला। बिश्नोई धर्म के संस्थापक भगवान जम्भेश्वर द्वारा बताए गए 29 नियमों में ‘‘जीव दया पालणी रूंख लीलो नहीं घावै’’ का महत्व बताया।
अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिला महासचिव महावीर बिश्नोई ने आभार ज्ञापित किया।

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