गुरुवार, जुलाई 16, 2009

सूचना का अधिकार अधिनियम की पालना में निर्णय:सूचना देने में विलम्ब करने वाले अधिकारी पर ठोका 25 हजार का जुर्माना, अधिनियम बनने के बाद पहला फैसला

नागौर 16 जुलाई। राजस्थान सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम.डी. कौरानी ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत दोषी पाए जाने वाले जलदाय विभाग मकराना के अधिशाषी अभियंता को 25 हजार रूपए के जुर्माने से दण्डित किया है। गत 8 जुलाई को कौरानी ने फैसला देकर परिवाद का निर्णय सुनाया। निर्णय में दिए गए विवरण के अनुसार बीकानेर डेगीनाडा रोड़ रानीबाजार के निवासी सूरजमल जैन ने 27 नवम्बर 2006 को सूचना मांगी थी जिसमें 5 बिन्दु थे तथा 3 बिन्दुआंे पर अभिलेख निरीक्षण की इच्छा जताई थी।सूचना आयोग द्वारा नोटिस जारी करने के बाद 1 वर्ष 8 माह के विलम्ब से सूचना उपलब्घ कराई गई। जिसको अत्यंत लापरवाही का द्योतक माना गया है। आयुक्त ने बतौर शास्ति आरोपित करना समुचित्त पाया और मुख्य अभिंयता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग राजस्थान जयपुर को निर्दिष्ट किया कि वे 25 हजार रूपए का ड्राफ्ट राजस्थान सूचना आयोेग के सचिव के नाम 15 दिन के अंदर भिजवाना सुनिश्चित करेंगे। उक्त सचिव को 25 हजार रूपए वसूल करने के लिए अधिकृत किया गया है। परिवादी को वांछित सूचना मिल चुकी है। इसलिए विचाराधीन परिवाद समाप्त कर दिया गया। सूचना प्राप्त करने वाले परिवादी को लम्बा संघर्ष करना पड़ा तब कहीं जाकर 485 पृष्ठ की सूचना उपलब्ध हो पाई।

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