मंगलवार, अप्रैल 06, 2010

पर्यावरण प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण हेतु कलक्टर को सुझाव

नागौर। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्रोई सभा नागौर के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्रोई ने जिला कलक्टर डॉ. समित शर्मा को एक पत्र देकर पर्यावरण, प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण हेतु आग्रह किया है। उन्होनें पत्र में लिखा है कि जिले में आदतन शिकारियों का सर्वे कर पुलिस के माध्यम से सूची बनाई जावे। आदतन शिकारियों के घरों व डेरों पर दबिश देकर अवैध हथियार जब्त कराये जावे। आदतन शिकारियों की सूची के आधार पर योजना बनाकर सभी शिकारियों को रोजगार उपलब्ध कराया जावे। शिकारियों के बच्चों की सूची बनवाकर सब बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जावे ताकि उनकी भावी पीढ़ी शिक्षित होकर शिकार करना बन्द कर दें। आदतन शिकारियों की सूची हमारी अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्रोई सभा को भी उपलब्ध कराई जावे ताकि हम भी उन पर नजर रख सकें। घायल वन्यजीवों को उपचार के लिए लाने, उपचार कराने,उनको सुरक्षित रखने की जिले में कहीं कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। वन्यजीव विभाग का कार्यालय भी जिले में नहीं है। इस दिशा में ठोस कदम उठाकर सेवा व जीव दया का काम किया जावे। घर-घर एक-एक गाय जरूर पालें। गौ सेवा करें, ऐसी अपील जिला कलक्टर द्वारा अखबारों में प्रकाशित की जावे तो जनता को प्रेरणा मिल सकती है। गौ सेवा बढ़ सकती है। परिण्डे व चुग्गापात्र बांधने की आपकी अपील बहुत ही सराहनीय व प्रेरणादायी रही है।जल प्रदूषण नहीं करने, तालाबों को गांव के स्तर पर साफ सुथरा रखने, पानी गंदा करने वालों पर जुर्माना लगाकर अंकुश लगाने की अपील भी जारी करें। मकानों के साथ टांका बनाने की भी अपील करें। पॉलीथिन का कचरा साफ कराने के लिए जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगरपालिका को पाबंद किया जावे कि महीनें में एक बार पॉलीथिन को इक_ा करके जलाकर नष्ट जरूर करावें। आप श्रीमान् द्वारा एक तारीख पूरे जिले के लिए निर्धारित भी की जा सकती है।शादी व पार्टियों में डी.जे. साउण्ड बजाया जाता है जिसमें सरेआम अश£ील गाने बजाये जाते हैं। डी.जे पर नाचने वाले शराब, अमल, डोडा पीकर नाचते हैं। नशे की गोली, कोरेक्ष सीरप, दर्द की दवा लेते हैं जिससे मानसिक संतुलन सही नहीं रहता है। मनचले अश£ील हरकतें करते हैं। सड़कों पर जाम, दुर्घटना, मृत्यु तक हो जाती है। ध्वनि प्रदूषण, बुजुर्गों व महिलाओं को परेशानी होती है। मध्यम वर्ग में देखा देखी, शादी के साथ अपव्यय बर्बादी हो रही है। ग्रामीण संस्कृति बिगड़ रही है। अत: अगर कोई कानूनी अंकुश लग सकता है तो जरूर लगावें। संस्कृति की रक्षा होगी।

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