पंचायतों को 16 विषय पुन: हस्तांतरित
होंगेपंचायतराज प्रतिनिधियों के मानदेय और भत्तों में बढ़ोतरी
होगी नागौर में विकास कार्यों के लिए अनेक घोषणाएं
जयपुर, 2 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने नागौर में पंचायती राज की स्थापना की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में शुक्रवार को आयोजित समारोह में प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। श्री गहलोत ने पंचायती राज संस्थाओं की मजबूती के लिए 16 विषयों को पुन: पंचायतों को हस्तांतरित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी प्रदेश में उनकी सरकार के समय पंचायतों को ये विषय हस्तांतरित करते हुए उनके सशक्तीकरण के लिए शुरूआत की गई थी, लेकिन बाद में आने वाली सरकार की इस ओर अरुचि की वजह से यह प्रक्रिया आगे जारी नहीं रह पाई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के मानदेय और भत्तों में बढ़ोतरी की भी घोषणा की। इसके तहत प्रदेश में अब वार्ड पंच का भत्ता 40 से बढ़कर 75 रुपये, पंचायत समिति सदस्य का भत्ता 75 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये तथा जिला परिषद सदस्य का भत्ता 90 रुपये से बढ़कर 125 रुपये हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सरपंचों का मानदेय 1 हजार से बढ़ाकर 3 हजार रुपये, पंचायत समितियों के प्रधान का मानदेय 3 हजार 100 से बढ़ाकर 5 हजार रुपये तथा जिला प्रमुखों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 7 हजार 500 रुपये करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने देश में ग्राम न्यायालयों की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हाल में लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इसकी शुरूआत राजस्थान से होगी और राज्य के सभी जिलों में एक-एक ग्राम न्यायालय की स्थापना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। श्री गहलोत ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम से नागौर जिला मुख्यालय पर 10 करोड़ की लागत से एक नया और अत्याधुनिक चिकित्सालय तथा 2 करोड़ की लागत से एक टाऊन हॉल बनाने की घोषणा की। इसके अलावा नागौर जिले की प्रत्येक पंचायत समिति में 25 लाख रुपये की लागत से राजीव गॉंधी आईटी सुविधा केन्द्र बनाने की घोषणा की। साथ ही जिले की 461 पंचायतों में भी राजीव गांधी आईटी सुविधा केन्द्रों के विकास के लिए 5-5 लाख रूपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 1959 को जिस स्थान पर पंडित नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण दिया था, उस स्थान पर एक शिलालेख लगाया जाएगा। उन्होंने नागौर को बड़े शहर के रूप में विकसित करने, सड़कों को चौड़ा करने और आधारभूत ढ़ांचे के विकास के लिए अलग से 10 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने नागौर में पेयजल की समस्या के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्घता को दोहराते हुए कहा कि यहां प्रथम चरण का कार्य एक तिहाई पूरा हो चुका है और द्वितीय चरण का कार्य भी शीघ्र आरम्भ किया जाएगा।
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