मंगलवार, सितंबर 01, 2009

अमृता देवी का बलिदान दिवस वृक्ष दिवस के रूप में मनाया

नागौर 31 अगस्त। अमृतादेवी के बलिदान दिवस को वृक्ष दिवस के रूप में मनाया जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
इस अवसर पर रविवार को वन पौधशाला मानासर नागौर में विद्यालय स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सेण्ट जिवियर्स सी.सै. स्कूल, टैगोर सी.सै. स्कूल तथा अन्य विद्यालय के छात्र छात्राओं ने भाग लेकर अमृतादेवी के बलिदान पर प्रकाश डाला। विद्यालयों से पधारे हुए
अध्यापकों ने भी विचार रखे।
क्षेत्रीय वन
अधिकारी नागौर श्री महेन्द्रसिंह चैधरी ने बताया कि 279 वर्षों पूर्व जोधपुर जिले के ग्राम खेजड़लीवासियों ने अमृतादेवी से प्रेरित होकर वृक्षों की रक्षा के लिए 363 पुरुष, स्त्री तथा बच्चों, बुजुर्गों ने उनके साथ अपना जीवन बलिदान कर दिया।
श्री चैधरी ने बताया कि अमृतादेवी व उनके साथियों के नाम बलिदान पर्यावरण की रक्षा एवं प्रकृति के संतुलन के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया। श्री चैधरी ने छात्र छात्राओं से यह आह्वान किया कि वे भी पर्यावरण की रक्षा एवं संतुलन के लिए एक जुट होकर कार्य करें। इस पर छात्र छात्राओंा ने वन्जीवों की रक्षा करने एवं कम से कम एक -एक वृक्ष लगाने का संकल्प किया। इस अवसर पर श्री नादानसिंह वनपाल नर्सरी मानासर तथा भंवरसिंह नाथावत वनपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके पश्चात श्री नादानसिंह वनपाल एवं भंवरसिंह नाथावत वनपाल ने विद्यालय के छात्र छात्राओं को वन पौधशाला मानासर का भ्रमण करवाया तथा नर्सरी में
पौधे तैयार करने की विधि से अवगत करवाया।

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